राज्य के प्रमुख व्यक्तियों को निशाना बनाने की योजना कर रहे शूटर को किया गिरफ़्तार : डीजीपी

राज्य के प्रमुख व्यक्तियों को निशाना बनाने की योजना कर रहे शूटर को किया गिरफ़्तार : डीजीपी

Chandigarh(Sourabh Mittal):

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दिशा-निर्देशों पर पंजाब को अपराध मुक्त राज्य बनाने के लिए शुरु की मुहिम के अंतर्गत पंजाब पुलिस ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी हरविन्दर सिंह रिन्दा की हिमायत प्राप्त और अमरीका स्थित गैंगस्टर हरप्रीत सिंह उर्फ हैपी तरफ की तरफ से चलाए जा रहे आतंकवादी माड्यूल के चार गुर्गों को गिरफ़्तार करके राज्य के प्रसिद्ध व्यक्तियों की संभावित सुनियोजित हत्या को टाल दिया है।

डीजीपी पंजाब, गौरव यादव ने जानकारी देते हुये बताया कि काबू किये मुलजिमों की पहचान विक्रमजीत सिंह उर्फ राजा बैंस निवासी बटाला और बावा सिंह निवासी गाँव लुद्धर (अमृतसर), गुरक्रिपाल सिंह उर्फ गगन रंधावा और अमानत गिल दोनों निवासी अमृतसर के तौर पर की गई है। उन्होंने बताया कि पुलिस टीमों ने दोषियों के पास से .32 बोर का एक पिस्तौल और 10 जिंदा कारतूस भी बरामद किये हैं।

उन्होंने बताया कि रिन्दा और हैप्पी की तरफ से राज्य के कुछ प्रमुख व्यक्तियों की सुनियोजित हत्या करने की योजना बनाने और इस वारदात को अंजाम देने के लिए दो शूटरों को नियुक्त करने के बारे पुख़ता सूचना मिलने के उपरांत एस. एस. ओ. सी. एस. ए. एस. नगर की पुलिस टीमों ने एक विशेष आप्रेशन चलाया और विक्रमजीत उर्फ राजा बैंस और बावा सिंह सहित दो मुलजिमों को काबू किया।।

प्राथमिक जांच से पता लगा है कि गैंगस्टर हैपी तरफ ने मुलजिम विक्रमजीत के साथ, सुनियोजित हत्या करने सम्बन्धी 15 लाख रुपए में सौदा किया था और इस वारदात को अंजाम देने के लिए सितम्बर 2023 के आखिरी हफ्ते मुलजिम विक्रमजीत द्वारा रेकी भी की गई थी।

डीजीपी ने बताया कि आगे जांच से पता लगा है कि विक्रमजीत के लिए पिस्तौल और जिंदा कारतूसों का प्रबंध हैप्पी द्वारा अपने स्थानीय साथियों गुरकिरपाल सिंह उर्फ गगन रंधावा, हरी सिंह उर्फ हैरी और अमानत गिल, सभी निवासी अमृतसर के द्वारा किया था।
उन्होंने आगे कहा कि गिरफ़्तार किये गए मुलजिमों के खुलासे के बाद पुलिस टीमों ने गुरकिरपाल सिंह और अमानत गिल को भी काबू कर लिया है, जबकि हरी सिंह विदेश भागने में कामयाब हो गया।

इस सम्बन्धी यूएपीए की धारा 17, 18, 20, आइपीसी की धारा 115, 153ए और 120बी और हथियार एक्ट की धारा 25 के अंतर्गत पहले ही एफआईआर दर्ज की जा चुकी है।

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