Chandigarh(Shubham Garg):मालेरकोटला जिले के गाँव फिरोजपुर कुठाला का 26 वर्षिय किसान गुरप्रीत सिंह कुठाला धान की पराली से अच्छी कमाई कर रहा है। धान की पराली को ज़्यादातर किसान बोझ समझते हैं, जबकि किसान गुरप्रीत सिंह ने मौके का भरपूर लाभ लेते हुए इसको अपनी कमाई का साधन बनाया।
उसने पंजाब सरकार द्वारा दी जा रही 50 प्रतिशत सब्सिडी पर पराली के प्रबंधन के लिए मशीनें जैसे स्ट्रा रेक और बेलर खरीद कर मौके का पूरा लाभ उठाया। यह प्रगतिशील किसान 12वीं पास है और वह 40 एकड़ ज़मीन पर खेती करता है, जिसमें 10 एकड़ पर वह खुद खेती करता है, जबकि 30 एकड़ ठेके पर है। उसने संगरूर आर.एन.जी. बायो गैस प्लांट, पंजगराईयां के साथ करारनामा करके पिछले साल 12000 क्विंटल पराली की गाँठों की सप्लाई करके लगभग 16 लाख रुपए कमाए थे।
अब इस नौजवान किसान ने अपने दोस्त सुखविन्दर सिंह की मदद से दो बेलर और दो रेकस समेत चार नयी मशीनें खरीदी हैं।
इस साल एक करोड़ रुपए से अधिक की कमाई करने की उम्मीद ज़ाहिर करते हुए इस नौजवान किसान ने बताया कि उसने इस सीजन में संगरूर आर.एन.जी. बायो गैस प्लांट, पंजगराईयां को 160 रुपए प्रति क्विंटल और 10 रुपए प्रति गाँठ की ढुलाई के हिसाब से 18 हज़ार क्विंटल पराली की गाँठों की सप्लाई के लिए समझौता सहीबद्ध किया है। इसके अलावा उसने पुसव बेलर, मानसा के साथ अमृतसर जिले में 5000 क्विंटल पराली की गाँठें मुहैया करवाने के लिए भी समझौता किया है। उसके द्वारा पाँच हज़ार क्विंटल पराली स्थानीय गुर्जर भाईचारे को सप्लाई की जायेगी।
उसने बताया कि वह अपनी ज़मीन और आस-पास के गाँवों में से लगभग 20,000 क्विंटल गाँठें स्टोर करके इसको ऑफ सीजन में लगभग 280 रुपए के हिसाब से पेपर मिलों, बायो-सीएनजी प्लांटों को सप्लाई करेगा।
उसने बताया कि वह मलेरकोटला जिले में करीब 1125 एकड़ में से 18 हज़ार क्विंटल गाँठें एकत्र करेगा।
पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने पर्यावरण सुरक्षा के लिए राज्य सरकार के प्रयासों में सहयोग देने के लिए इस नौजवान किसान को बधाई देते हुए सभी किसानों से अपील की कि वह प्रगतिशील किसान गुरप्रीत सिंह से प्रेरणा लेकर मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा पराली को न जलाने सम्बन्धी लोक हित में चलाई जा मुहिम का हिस्सा बनें।
कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा धान की पराली को जलाने की घटनाओं की रोकथाम और फ़सलों के अवशेष के प्रभावशाली ढंग से प्रबंधन के लिए मौजूदा कटाई के सीजन के दौरान राज्य के किसानों को सब्सिडी पर सर्फेस सीडरों समेत लगभग 24,000 सी.आर.एम. मशीनें मुहैया करवाई जा रही हैं।