मुख्यमंत्री द्वारा ठेके के आधार पर काम कर रहे सभी योग्य कर्मचारियों की सेवाएं रेगुलर करने के लिए तीन सदस्यीय कैबिनेट कमेटी का गठन

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मुख्यमंत्री द्वारा ठेके के आधार पर काम कर रहे सभी योग्य कर्मचारियों की सेवाएं रेगुलर करने के लिए तीन सदस्यीय कैबिनेट कमेटी का गठन
मुख्यमंत्री द्वारा ठेके के आधार पर काम कर रहे सभी योग्य कर्मचारियों की सेवाएं रेगुलर करने के लिए तीन सदस्यीय कैबिनेट कमेटी का गठन

Chandigarh(Davinder Garg):ठेके के आधार पर सेवाएं निभा रहे सभी योग्य कर्मचारियों को रेगुलर करने के लिए अपनी सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज तीन सदस्यीय कैबिनेट कमेटी के गठन का ऐलान किया है, जो इस सम्बन्ध में नए बिल को पास करने के लिए सभी कानूनी अड़चनें दूर करेगी। यह कमेटी कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा, गुरमीत सिंह मीत हेयर और हरजोत सिंह बैंस पर अधारित है।  
पंजाब विधान सभा के सदन में यह ऐलान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ठेके के आधार पर सेवा निभा रहे कर्मचारियों, एडहॉक, डेली-वेजिज़, वर्कचार्ज और अस्थायी आधार पर काम कर रहे कर्मचारियों की सेवाएं रेगुलर करने के प्रति पूरी संजीदा है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंधी साल 2016 में बनाया गया कानून अदालती प्रक्रिया अधीन है और साल 2021 में लाए एक अन्य बिल को पंजाब के राज्यपाल की मंजूरी का इन्तज़ार है। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार ऐसे हज़ारों कर्मचारियों को राहत देने के लिए प्रतिबद्ध है जिसके लिए कैबिनेट कमेटी का गठन किया गया है और यह कमेटी कानूनी विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श कर इन कर्मचारियों की सेवाएं रेगुलर करने के लिए रास्ता तलाशेगी।  
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने इस सम्बन्धी तैयारी शुरु कर दी है और कैबिनेट ने आज मीटिंग में इस संबंधी नए बिल के मसौदे को सहमति दे दी। भगवंत मान ने कहा कि कैबिनेट कमेटी पंजाब के एडवोकेट जनरल के साथ विचार-विमर्श कर इस मसौदे की कानूनी पेचीदगियों की जाँच-पड़ताल करेगी।  
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस मंतव्य के लिए विधान सभा का विशेष सत्र बुलाने से भी गुरेज़ नहीं करेगी। भगवंत मान ने कहा कि यह राज्य सरकार की मुख्य प्राथमिकता है और इस परोपकारी कार्य की पूर्ति के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह कर्तव्य बनता है कि इन कर्मचारियों को राहत दी जाए और इसलिए नए बिल के मसौदे को लागू करने से पहले सभी कानूनी अड़चनें दूर की जाएंगी, जिससे इसका पिछले बिलों जैसा हश्र न हो। 

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