सर फ्रेंकलिन ने बिजली के क्षेत्र में कई अहम खोज कार्यों के साथ-साथ कई तरह से सिद्धांत भी दिए है- डा.ग्रोवर

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सर फ्रेंकलिन ने बिजली के क्षेत्र में कई अहम खोज कार्यों के साथ-साथ कई तरह से सिद्धांत भी दिए है- डा.ग्रोवर
सर फ्रेंकलिन ने बिजली के क्षेत्र में कई अहम खोज कार्यों के साथ-साथ कई तरह से सिद्धांत भी दिए है- डा.ग्रोवर

Kapurthala(Gaurav Maria):

पुष्पा गुजराल साइंस सिटी की ओर से महान विज्ञानी विज्ञानी सर बैंजामिन फ्रेंकलिन के जन्मदिन पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार में पंजाब के अलग-अलग स्कूलों से 100 के करीब विद्यार्थियों व अध्यापकों ने भाग लिया। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए साइंस सिटी के डायरेक्टर डा.राजेश ग्रोवर ने कहा कि आज का दिन महान विज्ञानी सर बैंजामिन फ्रेंकलिन की ओर से की गई खोजों को सुविधाजनक बनाने की आशा से मनाया जाता है। सर फ्रेंकलिन ने बिजली के क्षेत्र में बहुत अहम खोज कार्यों के साथ-साथ कई तरह से सिद्धांत भी दिए है। उन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में सर फ्रेंकलिन की ओर से डाले योगदान की चर्चा करते हुए बताया कि कैसे उनके द्वारा कुदरत के अलग-अलग पहलुओं का निरीक्षण किया गया है। सर फ्रेंकलिन की ओर से मेडिकल कैथीटर, लाइटनिंग रॉड, फ्रेंकलिन स्टोव, कैरिज ओडमीटर, बायोफोकल व संगीतक साजों आदि की खोजें की है। उनकी सोच एक दायरें तक ही सीमित नहीं थी। उनका यह विश्वास था कि सिरजना के लिए हमें पहले समस्या की पहचान होनी चाहिए और फिर उसके पुख्ता हल ढूंढने चाहिए।
डा.ग्रोवर ने विद्यार्थियों को जानकारी देते हुए बताया कि साइंस सिटी में बहुत जल्द ही बिजली पर आधारित एक गैलरी स्थापित की जा रही है। इस गैलरी में बिजली से सबंधित विज्ञानिकों की सभी खोजों को बहुत दिलचस्प ढंग से दिखाया जाएगा
वेबिनार में इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च मोहाली के भौतिक विज्ञान विभाग के प्रोफैसर डा.जसजीत सिंह बागला मुख्य प्रवक्ता के तौर पर उपस्थित हुए। उन्होंने “अंतरिक्ष से गहरे अंतरिक्ष की खोज: भारत के प्रयत्न’ विषय पर एक विशेष लेक्चर दिया। उन्होंने भारत सरकार की ओर से अंतरिक्ष की खोजों सबंधी शुरु किए गए प्रोग्रामों की जानकारी देते हुए विद्यार्थियों को इस क्षेत्र की तरफ प्रेरित किया। भारत की ओर से 2015 में शुरु किए गए एस्ट्रोसैट उपग्रह के जरिए एक ही समय में कई तरंगों की लंबाई से अंतरिक्ष वस्तुओं को देखा जा सकता है। ऐसे प्रयत्नों से ही खगोल विज्ञान आसमान का निरीक्षण व नई अंतरिक्ष घटनाओं की खोज करने के समर्थ बना है। उन्होंने बताया कि भारतीय खगोल विज्ञान बहुत से यंत्रों पर काम कर रहे है। इसलिए खगोल विज्ञान भविष्य में बहुत सुनहरी है

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