

Chandigarh(Shubham Garg):
पंजाब कभी विश्व-स्तरीय पुरुष और महिला खिलाडिय़ों की नर्सरी हुआ करता था। लेकिन दुर्भाग्य से पिछले डेढ़ दशक से यह अपने खिलाड़ियों को खेल के बुनियादी ढांचा मुहैया करवाने में भी सक्षम नहीं है। यह शब्द हॉकी ओलंपियन तथा हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह ने आज प्रदेश भाजपा मुख्यालय चंडीगढ़ से पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहे।
संदीप सिंह ने कहा कि एक समय था जब हर खिलाड़ी पंजाब से खेलना चाहता था क्योंकि राज्य सरकार विश्व स्तर की सुविधाएं प्रदान करती थी और देश के लिए पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को नौकरी तथा अन्य सुविधाएँ देती थी। यह युवाओं को प्रेरित करने के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन था। खेलों ने हमेशा युवाओं को नशे से भी दूर रखा है।
संदीप सिंह ने कहा कि आज इन सब में पंजाब पिछड़ गया है, लेकिन हरियाणा स्वर्ण पदक विजेताओं को सबसे अच्छा प्रोत्साहन देता है। वहां के ओलंपियन को खेल में स्वर्ण जीतने पर छह करोड़ रुपए का पुरस्कार मिलता है। हरियाणा सरकार ने आर्थिक पारिश्रमिक के अलावा खेलों के लिए विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा तैयार किया है।
संदीप सिंह ने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि भाजपा एक ऐसी राजनीतिक पार्टी है जो युवाओं को खेलों के लिए प्रोत्साहित करती है और अवसर देती है। मैं किसी राजनीतिक परिवार से नहीं हूँ। मैं पहली बार विधायक बना हूं और पार्टी द्वारा खेल मंत्री बनाया गया, क्योंकि वह युवाओं को खेलों के प्रति बढ़ावा देने में विश्वास करते है। उन्होंने साहिबजादों की याद में 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ घोषित करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले की सराहना करते हुए धन्यवाद किया।