

Chandigarh(Rajeev Shamra):
पंजाब भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने गुरुवार को राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को ज्ञापन सौंपकर पंजाब के पुलिस महानिदेशक और गृह मंत्री को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की। प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को बताया कि प्रधानमंत्री के क़ाफ़िले को बुधवार को फरोजपुर पहुंचने से पूर्व बीच में ही रोका गया जो गंभीर अपराध है।
प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन में स्पष्ट तौर पर कहा कि पंजाब सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में असफल तो रही ही साथ ही उनकी जान को गंभीर जोखिम में डालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ज्ञापन में बताया गया है प्रधानमंत्री के काफिले की जानकारी लीक कर बीकेयू क्रांतिकारी के नेताओं को पहले ही दे दी गई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भी पुलिस अधिकारियों ने उन्हें पहले ही सूचित कर दिया था कि माननीय प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से आ रहे हैं। इन प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री का घेराव करने की कोशिश की और उनकी सुरक्षा चक्र को तोड़ने की कोशिश की। प्रधानमंत्री 20 मिनट से अधिक समय तक फ्लाईओवर पर फंसे रहे। उनकी सुरक्षा का गंभीर उल्लंघन हुआ है। पुलिस मूकदर्शक बनी रही जबकि इन प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की।
ज्ञापन में कहा गया है कि प्रोटोकॉल के हिसाब से मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए उपस्थित होना चाहिए था, जबकि उनमें से मौके पर कोई नहीं पहुंचा। प्रधानमंत्री के काफिले को 20 मिनट तक पुल पर फंसाए रखने से अत्यधिक संवेदनशीलता की स्थिति पैदा हो गई है जो गंभीर चिंता का विषय है। प्रधानमंत्री पंजाब में 43,000 करोड़ की परियोजनाओं की घोषणा करने जा रहे थे। विश्व स्तर के मेडिकल कॉलेजों और राज्य के लिए कनेक्टिविटी मार्गों के साथ, कपूरथला और होशियारपुर में दो मेडिकल कॉलेज और फिरोजपुर में एक सैटेलाइट पीजीआई व दिल्ली-अमृतसर कटरा हाईवे की सौगात देनी थी। ज्ञापन में बताया गया है कि राज्य सरकार ने पूरे राज्य से लोगों को जो फ़िरोज़पुर पहुंचना चाहते थे उन्हें रोकने के लिए सभी संसाधनों को झौंक दिया था। प्रतिनिधिमंडल में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा, केंद्रीय राज्य मंत्री सोम प्रकाश, प्रदेश महासचिव जीवन गुप्ता, डॉ. सुभाष शर्मा, राजेश बागा, के अलावा राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी और एस.एस. चन्नी शामिल थे।