Kartarpur(Sukhprit Singh):प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने वाले अभिभावकों के लिए एक बहुत ही अच्छी खबर है प्राइवेट स्कूल प्रबंधन ना तो अपनी मर्जी से फीस बढ़ा सकते हैं तथा ना ही अपनी पसंद की दुकान से आप को वर्दियां या किताबें खरीदने के लिए मजबूर कर सकते हैंयदि वह ऐसा करते हैं यहां अभिभावकों पर किसी प्रकार का दबाव डालते हैंतो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी एडीसी के ताजा आदेशों के अनुसार ऐसा करने वाले प्राइवेट स्कूलों पर 30000 से लेकर ₹200000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और इसके साथ ही साथ उनकी मान्यता रद्द करने की कार्यवाही भी की जाएगी गौरतलब है कि यह फैसला एडीसी कम जिला स्तरीय रेगुलेटरी कमिटी के चेयरमैन मेजर अमित सरीन ने कमेटी की एक विशेष बैठक के दौरान सुनाया उन्होंने पंजाब रेगुलेशन ऑफ फीस एडिट एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस के संशोधित एक्ट 2019 का सभी विधयक संस्थानों को पालन करने की हिदायत जारी की है उन्होंने कहा कि सरकार इस कानून को सख्ती से लागू करना चाहती है ताकि प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों को स्कूलों की तरफ से फीस बढ़ाने तथा अन्य भी किसी तरह के अनुचित चार्ज लगाने से उत्पन्न होने वाली सभी समस्याओं से बचा जा सके उन्होंने कहा कि सभी शिक्षण संस्थाएं इस एक्ट को लागू करने के लिए पाबंद हैं जिस किसी भी शिक्षण संस्थान के खिलाफ शिकायत मिलती है उस पर जुर्माने के साथ साथ उसकी एनओसी रद्द करने की भी कार्यवाही अवश्य की जाएगीउन्होंने सभी अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि कहीं भी किसी भी प्राइवेट स्कूल में अगर फीस बढ़ाई जाती है किताबें तथा वर्दियां बेचने का कार्य किया जाता है ओवर चार्ज किया जा रहा है या अभिभावकों को किसी खास दुकान से वर्दियां तथा किताबें बेचने को मजबूर किया जाता है तो वह इस संबंध में कमेटी के पास अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं कमेटी के पास आने वाली किसी भी शिकायत को पेंडिंग नहीं रहने दिया जाएगा उन्होंने कहा कि शहर की कम से कम 20 दुकानों में स्कूल की किताबें मिल रही होनी अनिवार्य हैं एडीसी के अनुसार सभी शिक्षण संस्थानों का मुख्य उद्देश्य बच्चों को शिक्षा प्रदान करना है ना की किसी प्रकार का व्यापार करना या मुनाफा कमाना है इस मौके पर उप जिला शिक्षा अधिकारी सेकेंडरी राजीव जोशी तथा सभी अन्य स्कूलों के प्रतिनिधि और कमेटी मेंबर एडवोकेट मनोज जिंदल इत्यादि मौजूद थे एडीसी ने कहा कि स्कूल प्रबंधन यह सुनिश्चित रखें कि किसी भी अभिभावक पर किसी भी तरह का दबाव ना डाला जाए उनकी समस्याओं को ध्यान से सुना जाए तथा संयम के साथ उसका समाधान किया जाए