मुख्यमंत्री द्वारा ट्यूबवैलों का लोड बढ़ाने के लिए फीस में कटौती करने के फ़ैसले का किसानों द्वारा भरपूर समर्थन

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राहत कार्यों से सम्बन्धित प्रोजैक्ट शुरू करने में सहायक होगा आपदा प्रबंधन कोष
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Chandigarh(Davinder Garg):

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा कृषि ट्यूबवैलों का लोड बढ़ाने के लिए फीस घटाने के लिए गए फ़ैसले का भरपूर समर्थन करते हुए राज्य में अब तक एक लाख से अधिक किसान इस सुविधा का लाभ ले चुके हैं।  

गौरतलब है कि किसानों को बड़ी राहत देते हुए मुख्यमंत्री ने कुछ दिनों पहले ट्यूबवैलों का लोड बढ़ाने के लिए 4750 रुपए प्रति हॉर्स पावर से घटाकर 2500 रुपए प्रति हॉर्स पावर करने के आदेश दिए थे।  

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह उनके लिए बड़े गर्व और संतुष्टी की बात है कि अब तक राज्य भर के एक लाख से अधिक किसानों ने इस योजना का लाभ लिया है। राज्य सरकार में भरोसा जताने के लिए किसान भाईयों का तहे दिल से धन्यवाद करता हूँ। इसके साथ ही वह बहुत शुक्रगुजार हैं और इसने उनको राज्य के लोगों की सेवा और भी समर्पित भावना से करने के लिए प्रेरित किया है।’’ भगवंत मान ने कहा कि उनकी सरकार आने वाले दिनों में लोगों के कल्याण और राज्य की तरक्की को सुनिश्चित बनाने के लिए ऐसे और प्रयास जारी रखेगी।  

इस दौरान कृषि को लाभप्रद धंधा बनाने के लिए राज्य सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना राज्य के किसानों के लिए उनकी अपनी सरकार की ओर से एक विनम्र सी सौग़ात है। उन्होंने कहा कि पंजाब मुख्य रूप से कृषि आर्थिकता वाला राज्य है और इसकी आबादी का बड़ा हिस्सा कृषि पर निर्भर है। इसके साथ ही भगवंत मान ने अफ़सोस ज़ाहिर किया कि कृषि अब लाभप्रद धंधा नहीं रहा, इसलिए नौजवान इससे दूर जा रहे हैं।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना कृषि लागतों को घटाकर इस रुझान पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार का छोटा सा कदम है। उन्होंने याद किया कि पहले किसानों को ट्यूबवैलों का लोड बढ़ाने की फीस का भुगतान करने में बहुत सी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था, जिस कारण राज्य सरकार ने इसमें 50 प्रतिशत के लगभग कटौती करने का फ़ैसला किया था। भगवंत मान ने कहा कि इस फ़ैसले के उत्साहजनक नतीजे सामने आए हैं, क्योंकि राज्य के मेहनतकश किसानों ने इस योजना को भरपूर प्रोत्साहन दिया है और आने वाले दिनों में कृषि को लाभप्रद धंधा बनाने के लिए ऐसे और भी कदम उठाए जाएंगे। 

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