महर्षि वेदव्यास मंदिर एक पुराणिक ऐतिहासिक तपस्थली पर डीएमए के वाइस प्रेसिडेंट संदीप वर्मा हुए नतमस्तक

0
211
महर्षि वेदव्यास मंदिर एक पुराणिक ऐतिहासिक तपस्थली पर डीएमए के वाइस प्रेसिडेंट संदीप वर्मा हुए नतमस्तक
महर्षि वेदव्यास मंदिर एक पुराणिक ऐतिहासिक तपस्थली पर डीएमए के वाइस प्रेसिडेंट संदीप वर्मा हुए नतमस्तक

Jalandhar(S.K Verma):

माहर्षि वेद व्यास कुंड सभा रजिस्टर्ड ब्रास बैंड जिला जालंधर में मासिक सक्रांति के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन व्यास पिंड में किया गया इस मौके पर रुद्र सेना सगठन के उपचेयरमैन व कमेटी के महासचिव मोहित शर्मा
के साथ माहर्षि वेद व्यास जी की तपस्थली में दर्शन करने व आशीर्वाद लेने का मौके मिला गया इस मौके पर कमेटी की तरफ से डिजिटल मीडिया एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट संदीप वर्मा को सन्मानित भी किया गया इस अवसर पर अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने बताया कि महर्षि वेदव्यास मंदिर एक पुराणिक ऐतिहासिक तपस्थली है इसके बारे में कम ही लोगों को जानकारी है लेकिन अब इस स्थान के बारे में और इसके जीर्णोद्धार के लिए कार्य शुरू हो गया है और वही शर्मा से हमें यह उम्मीद है कि वह इस कार्य में पूरा योगदान देंगे और ही इस स्थान की महत्वता को पूरे देश में लेकर जाएंगे बातचीत में मोहित शर्मा ने बताया कि वह अपने आप को सुबह के चली मानते हैं कि महर्षि वेदव्यास कुंड सभा कमेटी ने उन्हें इस काबिल समझा और एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है जिससे वह पूरे तन मन धन से निर्वाह करेंगे मोहित ने बताया कि गुरुवार योग गुरु का प्रतीक है और प्रत्येक गुरुवार को श्रद्धालु वहां पर नतमस्तक होना शुरू हो गए हैं उनके लिए अल्पाहार की व्यवस्था भी मंदिर में कर दी गई है और साथ ही मासिक सक्रांति के दिन वहां पर भंडारे का आयोजन भी किया जाएगा जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग महर्षि वेदव्यास तपस्थली के दर्शन कर सकें ज्ञात हो कि यह ऐतिहासिक स्थान इसका वर्णन महाभारत में भी आता है और यह बिपाशा नदी जिसे हम व्यास नदी किस नाम से जानते हैं यहीं से प्रवाह होती थी और इसी स्थान पर बैठकर महर्षि वेदव्यास ने तप किया और वेदों पुराणों महाभारत के साथ-साथ गीता की रचना की पंजाब की यह पवित्र धरती महाभारत काल के इतिहास को संजो कर रखी हुई है इस मंदिर के साथ नजदीकी अलावलपुर में भीष्म सर एक स्थान है जहां पर भीष्म ने गंगा माता को अवतरित किया था और ऐसी मान्यता है कि जो लोग हरिद्वार नहीं जा सकते वह भीष्म सर पर भी अस्थियां प्रवाह कर सकते हैं पठानकोट रोड पर चालान के पास एक कल्याणपुर गांव है जहां पर जन्मेजय का किला जो खंडहर के रूप में तब्दील हो चुका है सुबह में गगन का टीला नामक स्थान है यह सभी सारे स्थान महाभारत में विराट का क्षेत्र के नाम से जाने जाते थे जहां पर पांडवों ने अपना आखिरी वनवास का वर्ष बिताया था मोदी ने कहा कि इस ऐतिहासिक स्थान के जीर्णोद्धार के लिए वह पूरी तरह से तैयार हैं पठानकोट चौक से 15 किलोमीटर दूरी के ऊपर यह पवित्र स्थान स्थित है जहां पर आसानी से जाया जा सकता है। इस मौके पर कमेटी के प्रधान अश्विनी शर्मा महासचिव मोहित शर्मा कैसियर कमल ऋषि और, करण गंडोत्रा विकास भारद्वाज कुणाल अग्रवाल रितेश गुप्ता विवेक कुमार अश्विनी शर्मा करण कालिया राजकुमार शर्मा डीएमए के वाइस प्रधान संदीप वर्मा,अश्विन कुमार, कमल रिषि, कमल किशोर,विजय पराशर,अजय पराशर,राजा पराशर, मोहन सिंह, राम लुभया, सोनिया शर्मा,मदु वाला,रतन रिषि, सुदेश कुमारी,रजनी बाला,सुदेश रिषि उपस्थित रहे

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here