

Chandigarh(Sourabh Mittal):
पंजाब में होने जा रहे निकाय चुनाव तथा संगरूर लोकसभा उपचुनाव को लेकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अश्वनी शर्मा की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक प्रदेश भाजपा मुख्यालय चंडीगढ़ में हुई। जिसमें पंजाब भाजपा प्रभारी व सांसद दुष्यंत गौतम विशेष रूप से उपस्थित हुए। इस बैठक में संगरूर संसदीय सीट के उपचुनाव और प्रदेश की छह निगमों के चुनाव पर रणनीति बनाने संबंधी विचार-विमर्श किया गया।
सांसद दुष्यंत गौतम ने इस अवसर पर कहा कि आम आदमी पार्टी ने राज्य के लोगों को गुमराह किया है और यह बहुत चिंता का विषय है कि राज्य सरकार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के हाथों की कठपुतली बन गई है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के तहत प्रदेशिक व राष्ट्रीय दल राज्य के प्रमुख निर्णयों को अन्य राज्यों को आउटसोर्स करने से परहेज करते हैं।
दुष्यंत गौतम ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्त्ता जनता के पास जाएंगे और आम आदमी पार्टी द्वारा किए जा रहे झूठे प्रचार और आख्यान की सच्चाई से अवगत करवाएंगे। अरविन्द केजरीवाल तथा भगवंत मान ने पंजाब की भोली-भाली जनता को झूठे स्वप्न दिखा कर फ्री बिजली, 1000 रूपये प्रति महीना महिलों को, नौजवानों को रोज़गार आदि जैसे वादे किए थे। लेकिन दो महीने से भी कम समय में आम आदमी पार्टी द्वारा अपना असली चेहरा सभी को दिखा दिया है।
अश्विनी शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि आम आदमी पार्टी द्वारा सरकार बनते ही कैबिनेट की पहली बैठक में पंजाब में 18 वर्ष से ऊपर की हर महिला को 1000 रुपए प्रति महीना, पंजाब में हर घर को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा किया गया था। लेकिन सरकार बने दो महीने होने को हैं, लेकिन पंजाब के मतदाताओं को वादों के सिवा कुछ नहीं मिला। आम आदमी पार्टी द्वारा यह सब गुमराह करने और विधानसभा चुनाव जीतने का महज एक हथकंडा था। भाजपा विपक्ष की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदार भूमिका निभाएगी और पंजाब की जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए प्रतिबद्ध होगी।
अश्वनी शर्मा ने कहा कि भाजपा निगम चुनाव और संगरूर लोकसभा उप-चुनाव के लिए तैयार है।
शर्मा ने तथाकथित “ज्ञान साझाकरण संधि” पर बात करते हुए कहा कि यह उच्च-स्तरीय नाटक के अलावा और कुछ नहीं है। क्या मुख्यमंत्री भगवंत मान नहीं जानते कि हमें स्कूलों में शिक्षकों की और बुनियादी ढांचे में सुधार जरूरत है? लगभग 50 प्रतिशत विद्यालयों में शिक्षकों की अपेक्षित संख्या का अभाव है। विज्ञान और गणित के शिक्षकों की संख्या तो इस समय ना के बराबर है। शर्मा ने कहा कि दरअसल मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यह समझौता अपनी सरकार चलाने के अधिकार अप्रत्यक्ष रूप से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को देने के लिए किया है। इस अवसर पर डॉ. नरिंदर सिंह, प्रदेश भाजपा महसचिव जीवन गुप्ता, राजेश बागा, दयाल सिंह सोढ़ी, हरजीत सिंह गरेवाल, फ़तेहजंग सिंह बाजवा आदि उपस्थित थे।