Chandigarh(Shubham Garg):पंजाब के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं, कानून व्यवस्था की स्थिति खराब है, पंजाब में कानून नाम की कोई चीज नहीं है, इसका ताजा उदाहरण श्री मुक्तसर साहिब के वकील विरिंदर सिंह हैं जो अपने मुवक्किल के साथ पुलिस स्टेशन गए थे, जिन पर पुलिस द्वारा अमानवीय अत्याचार किया गया, जो अत्यंत चिंता का विषय है, ये बातें पंजाब भाजपा लीगल सेल के संयोजक एडवोकेट एनके वर्मा ने आज सेक्टर 37ए, चंडीगढ़ स्थित पंजाब भाजपा के प्रदेश कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान व्यक्त कीं । उन्होंने मांग की कि आरोपी पुलिस अधिकारियों को तुरंत बर्खास्त करके गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने कहा कि इंस्पेक्टर रमन कुमार (प्रभारी सीआईए स्टाफ मुक्तसर साहिब); रमनदीप सिंह
भुल्लर (एसपी जांच श्री मुक्तसर साहिब); संजीव गोयल (डीएसपी श्री मुक्तसर साहिब);
वरिष्ठ कांस्टेबल हरबंस सिंह, वरिष्ठ कांस्टेबल भूपिंदर सिंह, कांस्टेबल गुरप्रीत सिंह; पीएच.जी. दारा सिंह और 4-5 अज्ञात पुलिस कर्मियों ने उन्हें बुरी तरह पीटा, उनके कपड़े उतार दिये, उन्हें ऐसी अमानवीय यातनाएँ दीं जिसका वर्णन नहीं किया जा सकता। फिर उक्त पुलिस अधिकारियों ने उसका वीडियो भी तैयार किया और उसे धमकाया और कहा कि अगर उसने कोर्ट को कुछ बताया तो उसका वीडियो वायरल कर दिया जायेगा। फिर उस पर झूठा मुकदमा दर्ज करके उसको
गिरफ्तार किया गया। उसको इतना डराया गया कि उन्होंने अपनी जान बचाने के लिए अपनी जमानत के लिए दी गई अर्जी भी वापस ले ली। जिसके बाद कोर्ट ने वकील को न्यायिक हिरासत दे दी, उसके बाद उसके
बयान दर्ज किए गए, जिसके आधार पर सीजेएम, श्री मुक्तसर साहिब ने आदेश दिनांक 22.09.2023
संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध एफ.आई.आर. पंजीकरण कराने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस अधिकारियों ने वकील के परिवार को भी धमकियां दी है। उन्होंने मांग की कि एफआईआर में 377, 342, 323, 149, 506 आईपीसी सहित अन्य संबंधित धाराएं जोड़ी जानी चाहिए। दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करके नोकरी से बर्खास्त किया जाए। इस मामले में शामिल और पुलिस अधिकारियों को एफआईआर में नामजद करके तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
उन्होंने कहा कि यह घटना आप सरकार में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को दर्शाती है। ‘आप’ सरकार के राज्य में कोई भी सुरक्षित नहीं हैं, ऐसे वकील, जो दूसरों को न्याय दिलाते हैं और कोर्ट के अधिकारी भी कहलाते हैं, के साथ
अगर ऐसी घटना हो सकती है तो पंजाब के नागरिक कैसे सुरक्षित रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पंजाब के वकीलों से माफी मांगें, नहीं तो पंजाब के वकील मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे। इस मौके पर राम बिलास गुप्ता, सुरिंदर टीना, नितेश सिंघी, हरिंदर पाल, सह संयोजक, सुभाष जिंदल और चरणजीत जागड़ा एडवोकेट उपस्थित थे।